Tuesday, November 19, 2019

आज के दिन में क्या विशेष है , अगर यह लिखने बैठूं , तो सबसे पहले यह
कि
यह लाक हो गया ब्लॉग खुल पड़ा है आज . ( बेशक नेहा की सहायता से  )

अभी तक हिमालय ट्रेकिंग की बात पूरी नहीं लिख पाई हूँ ,

हालाँकि वह यात्रा हर दिन याद  रहती है , वह अनुभव , वह गहरी थकन ,
 वह समय मेरे साथ चला है  - डेनमार्क में , इटली और जर्मनी में - हर जगह . भारत  लौट आने पर भी वह अनुभूति हर दिन याद आती है .

हिमालय देवता है.... .   क्या इसलिए ?
यह तो एक कारण है ही , यह भी कारण है कि मैं स्वयं  को विश्वाश दिलाना चाहती हूँ कि उतनी बड़ी यात्रा मैंने की है .

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