Monday, June 30, 2014

दुपहरिआ के बाद

दुपहरिआ के बाद
समंदर के किनारे
सूरज , पेड़ ,पृथ्वी और स्वयंग समुद्र
सभी बदल डालते हैं रंग

क्यों बदलते हैं वे
अपने रंग-ढंग ?

उन्हें चाहिए थोड़ा लम्बा ' पॉज़ '

' पॉज़ ' यानि बीच की खाली जगह जैसा कुछ

हर व्यक्ति को तो नहीं
लेकिन बहुतों को यह चाहिए

थोड़ा ठिठकना , कुछ देर बैठ जाना
बैठकर बहुत सी बातों को एकदम से जा ना भूल जाना

भूल जाना स्वयं को, रिश्तों को,स्व के बीच की तहों को

भूलने के बाद फिर से चैतन्यता
और
आगे बढ़ चलने की तैयारी

यही है जीवन
थमना,ठिठकना ,गहरी सांस भरना
फिर चल पड़ना।

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